पानीपत में एक नाबालिग विवाहिता फिर से बनी मां। नवजात शिशु को प्रीमेच्योर

प्रसव के बाद उसकी दादी द्वारा रोहतक पीजीआई ले जाया गया था।जब डॉक्टर्स

को कुछ संदिग्ध लगा तो उन्होंने पानीपत पुलिस को इसकी सूचना दी।
इसमें सबसे बड़ी बात तो यह निकल कर सामने आई की इसकी सूचना थाना पुलिस

से लेकर ,CWC तक को थी,लेकिन किसी ने भी कोई भी कारवाई नहीं की।बल्कि

इसके विपरीत इन दोनों मामलों का समझौता करवा दिया गया।मामले की जानकारी

प्राप्त होने पर,नारी तू नारायणी उत्थान समिति अध्यक्ष सविता आर्या ने लड़की के घर

पर जाकर और भी जानकारी प्राप्त की।

 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक,शहर के एक ही क्षेत्र की निवासी तीन नाबालिग (क्रमानुसार

10,13और 15साल आयु)2024 के जुलाई महीने में घूमने के बहाने घर से निकली थी।इन

तीनों को घर के बाहर ही सड़क पर ही 3 नाबालिग लड़के भी मिले।और वहां से ये सभी ट्रेन

पकड़कर दिल्ली गए। जहां से वापस घर लौटने में इन्हें देर भी हो गई।
फलस्वरूप रात को वहीं रुक गए।इसी दौरान 15 वर्षीय नाबालिग लड़की ने अपने 17 वर्षीय

नाबालिग प्रेमी को कहकर अपनी मांग भरवा ली। दोनों ने हमेशा के लिए पति पत्नी की तरह

साथ रहने का वादा कर सुबह वापस पानीपत पहुंच गए।

 

 

 

घटना के कुछ दिनों के बाद, लडकी पड़ोस की एक महिला से सिर में मालिश करवा रही थी,और इस दौरान

ही उक्त महिला ने लड़की के सिर की पिछले हिस्से में भरे मामूली से सिंदूर को देख लिया और लड़की की

मां को इसकी जानकारी दी।लड़की की मां ने जल्दबाजी में यूपी के मुज्जफर नगर निवासी 34 वर्षीय युवक

से बेटी का विवाह करवा दिया।
वहां से 20 दिनों के बाद वह भाग कर वापस पानीपत आई और अपने प्रेमी के साथ रहने लगी।लड़के के

परिजनों ने मारे शर्म के उन दोनों को दूसरे गांव में किराए पर अलग कमरा दिलवाया।

 

 

 

कुछ दिन बीतने के बाद जब एक दिन लड़की ने रोटी नहीं बनाया तो पति ने उसे मारा।इसकी जानकारी

जब उसने अपने घरवालों को दी तो उन्होंने इस लड़के को पीटा।फिर पुलिस तक पहुंचा मामला।इसके

बाद इन दोनों पक्षों के मध्य समझौता करवा दिया गया। लड़की को 18 जून को पेट में दर्द शुरू हुआ

और घर पर ही उसने एक लड़के को जन्म दिया।बच्चे को प्रीमेच्योर डिलीवरी के कारण सदर अस्पताल

लाया गया था और वहां से उसे रोहतक पीजीआई रेफर किया गया जहां डॉक्टरों को जानकारी हुई की

लड़की भी नाबालिग है।और उन्होंने पुलिस को सूचित किया।

 

 

परिजनों ने जब बच्चे को वापस लेना चाहा तो डॉक्टरों ने मामले की संदिग्धता को देखते हुए कहा की

बच्चे को अब कानूनी प्रक्रिया से ही वापस किया जाएगा।साथ ही यह भी कहा कि पुलिस पहले बच्चे

को मां को लेकर पीजीआई आए ,फिर बच्चा वापस किया जाएगा।
सविता आर्या ने कहा,उच्चाधिकारियों से मिलकर उचित कारवाई की मांग की जाएगी।
संबंधित मामले की सूचना जब नारी तू नारायणी उत्थान समिति अध्यक्ष सविता आर्या को प्राप्त हुई तब

उन्होंने मौके पर पहुंच कर लड़की और उसके घरवालों से बात कर पुलिस के रवैए पर सवालात खड़े

किए।और कहा कि पुलिस को जानकारी मिलने के बाद भी आखिर कोई कारवाई क्यों नहीं की गई ?

अब मामला CWC के संज्ञान में दे दिया गया है ।

 

 

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