16 जून 2013 को केदारनाथ में एक बड़ी तबाही आई थी।तबाही के उस मंजर को लगभग 11 साल बीत चुके हैं लेकिन केदारनाथ अब भी उस तबाही से नहीं उभरा है। केदारनाथ की नदियों और दालों में अभी भी टूटे पुल और इमारत के अवशेष पड़े हुए हैं। तबाही के उस मंजर से उभारने के लिए दिन रात यहां पर बिल्डिंगों को बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
पूरे परिवार भी जल प्रलय में बह गए थे ।
यहां भारी तादाद में श्रद्धालू पहुंच रहे हैं लेकिन जिन लोगों ने उस तबाही को अपनी आँखों से देखा था। शायद वो लोग कभी उस हादसे को नही भुला सकते । क्योंकि इस जल प्रलय में पूरे के पूरे परिवार बह गए थे।
हिन्दू रीतिरिवाज के हिसाब से अंतिम संस्कार तक नसीब नही हुआ।
इस जल प्रलय में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से करवाने के लिए सरकार ने कहा था और वह भली भांति हुआ भी लेकिन कुछ श्रद्धालु ऐसे भी थे जिनका सब भी बरामद नहीं हुआ यानी कि उन्हें हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार का भी अवसर नहीं मिला