
चरखी दादरी के जवान अमित सांगवान (24) जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए। वह अपने साथी जवानों के साथ गाड़ी में जा रहे थे। रास्ते में उनकी गाड़ी खाई में गिर गई, जिसमें तीनों जवान शहीद हो गए। मंगलवार को उनकी पार्थिव देह पैतृक गांव सारंगपुर पहुंची।
शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में पहुंचा तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. धीराणा मोड़ से सारंगपुर मोड़ तक बाइक रैली निकाली गई. इस दौरान ” अमीत सांगवान अमर रहे” के नारे लगाए गए. रास्ते में लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए. पुलिस की टुकड़ी द्वारा उन्हें सलामी दी.विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी. राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अमित सांगवान की बहन ने उन्हें मुखाग्नि दी।
इससे पहले, जब घर पर पार्थिव देह लाई गई तो दादी पोता का चेहरा दिखाने की बात कहकर बिलख पड़ी। हालांकि एक्सीडेंट में क्षत-विक्षत होने की वजह से परिवार के लोगों को चेहरा नहीं दिखाया गया। इसके बाद अमित की मां ने कहा- ‘उसका दुनिया में नाम रहना चाहिए।’ मां रोते-रोते बेसुध हो गई।
अमित के पिता की कई साल पहले मौत हो चुकी है। दादा सेना से रिटायर्ड हैं। अमित की कुछ दिन पहले ही सगाई हुई थी। परिवार के लोग जल्द उनकी शादी करने वाले थे।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के बैटरी चश्मा इलाके में 4 मई को सेना का एक वाहन 600 मीटर गहरी खाई में गिर गया। हादसे में 3 जवानों की मौत हो गई। मृतक जवानों की पहचान अमित सांगवान, सुजीत कुमार और मन बहादुर के रूप में हुई।
सेना की गाड़ी जम्मू से श्रीनगर जा रहे काफिले का हिस्सा थी। करीब साढ़े 11 बजे जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे 44 पर ड्राइवर ने कंट्रोल खो दिया, जिससे गाड़ी खाई में गिर गई। इसके बाद सेना, पुलिस, SDRF और स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया।
डेढ़ साल पहले सेना में भर्ती हुए
परिवार के मुताबिक अमित ने गांव के सरकारी स्कूल से 12वीं की पढ़ाई की। इसके बाद भिवानी के एक कॉलेज से बीकॉम की। डेढ़ साल पहले वह सेना में बतौर ड्राइवर भर्ती हो गए। उनकी पोस्टिंग पठानकोट में थी। रविवार को वह सेना के किसी काम से गाड़ी लेकर अपने साथी जवानों के साथ जम्मू कश्मीर गए थे।
घर में दादा-दादी और मां, बड़ी बहन शादीशुदा
अमित के पिता राजेश सांगवान की करीब 5-6 साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी। घर में अमित के अलावा दादा आजाद सिंह, दादी ओमपति और मां कृष्णा देवी हैं। दादा आजाद सिंह सेना से रिटायर हो चुके हैं और अब गांव में ही खेती करते हैं। मां और दादी हाउस वाइफ हैं। अमित की बड़ी बहन सीमा की शादी हो चुकी है।
नवंबर में शादी का प्लान था
परिवार के मुताबिक अमित एक महीना पहले छुट्टी पर घर आए थे। तब परिवार के लोगों ने उनके लिए लड़की देखना शुरू की थी। आखिर में उनका रिश्ता भिवानी के दरियापुर गांव में एक लड़की से तय हुआ। इसके बाद अमित की सगाई करा दी। कुछ दिन पहले अमित ड्यूटी पर लौट गए थे। परिवार का प्लान था कि नवंबर में उनकी शादी करेंगे।